top of page

काठगढ़ मंदिर

The official site

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के इंदौरा उपमंडल में काठगढ़ मंदिर स्थित है। यह विश्व का एकमात्र मंदिर है जहां शिवलिंग दो भागों में बंटे हुआ है। जिसमें एक भाग को मां पार्वती और दूसरे भाग को भगवान शिव के रूप में माना जाता है। इन दो भागों के बीच का अंतर ग्रहों ब नक्षत्रों के अनुरूप घटता बढ़ता है। ग्रीष्म ऋतु में यह स्वरूप दो भागों में बंट जाता है और शीत ऋतु में पुन: एक रूप धारण कर लेता है। शिव पुराण में वर्णित कथा के अनुसार ….

mandir3_edited.jpg
Pastel Gradient
WhatsApp Image 2023-01-12 at 17.04_edited.jpg

शिवलिंग का प्रकट होना


एकदंत कथा के अनुसार इस शिवलिंग का इतिहास पुराणों से जुड़ा हुआ है शिवपुराण में वर्णित कथा के अनुसार एक बार ब्रह्मा और विष्णु का आपस में घोर युद्ध हुआ तो भगवान शिव ने महाप्रलय को देखा तो बे चुप ना रह सके तो इस युद्ध को शांत करने के लिए इन दोनों के बीच लिंग रूप में प्रकट होकर खड़े हो गए और इस स्थान पर प्रकट होकर युद्ध को शांत किया था दूसरी कहानी यह है कि यहां पर बहुत सारे गुर्जर रहते थे वह अपने दूध के मटके इस शिवलिंग रुपी चट्टान पर रखते थे और जब चटान ऊपर उठती तो भैरव जी से तराश कर इसको छोटा कर देते पर यह फिर ऊंची हो जाती और जब राजा को इस बात का पता चला तो उसकी खुदवाई करवाई विद्वानों से परामर्श किया उन्होंने श्रावण मास में शिव पूजन का परामर्श दिया और यह शिव पार्वती की प्रतिमा प्रकट हुई यह पत्थर का शिवलिंग 5:30 फुट ऊंचा है इसके बिल्कुल साथ सटा हुआ यानी 2 इंच के फैसले पर एक छोटा पत्थर जो इससे करीब डेढ़ फुट छोटा है जिसे अर्धनारीश्वर का पार्वती भाग माना जाता है

भगवान रामचंद्र के अनुज भरत द्वारा पूजा अर्चना

काठगढ़ की महत्ता के बारे में एक अन्य कथा के अनुसार बताया जाता है कि भगवान रामचंद्र के अनुज भरत जब अपने ननिहाल कैकेई देश जाते तो बिपाशा यानी ब्यास पार करने के बाद स्नान करके भगवान शिव की अर्चना करते और यही विश्राम करते थे

महाराजा रणजीत सिंह द्वारा महादेव मंदिर का निर्माण

इस पावन देव स्थान की पूजा-अर्चना वैदिक काल से होती आई है, परंतु यह स्वयं भू प्रकट शिवलिंग खुले आकाश में सर्दी गर्मी को सहन करते हुए श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देता रहा ज्यों ही परम धर्मो हिंदू सिख समानता के प्रतीक महाराज रणजीत सिंह जी ने राज गद्दी संभाली तो अपने संपूर्ण राज्य में भ्रमण किया तथा राज्य सीमा के अंतर्गत आने वाले सभी धार्मिक स्थलों के सुधार के लिए सरकारी कोष से सेवा करने का संकल्प किया इस आज शिवलिंग के दर्शन करके महाराजा रणजीत सिंह जी का हृदय प्रफुल्लित हो गया उन्होंने तुरंत इस आज शिवलिंग पर शिव मंदिर बनवा कर विधि पूर्वक पूजा अर्चना की

Development Works

प्रभु प्रेरणा से इस मंदिर के चहुंमुखी विकास के लिए इस पावन देवस्थान के आसपास के क्षेत्रों में धार्मिक विचारधारा वाले श्रद्धालु भक्तजनों ने ईकट्ठे होकर वर्ष 1984 में प्राचीन शिव मंदिर सुधार सभा की स्थापना की 1986 में इस सभा को पंजीकृत कराया गया I

Ram Temple and Entry Gate
Children Amuesment Park
WhatsApp Image 2024-06-09 at 11.30.03 AM (8).jpeg
Temple Front View
WhatsApp Image 2024-06-09 at 11.30.03 AM (7).jpeg
Temple Gate at Indora
bottom of page